Monday, October 11, 2021

नवरात्रि: - २०२१ - गुरुर्ब्रह्मा

श्लोक:

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वरः 

गुरु: साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः

 पदच्छेद:

गुरु: ब्रह्मा गुरु: विष्णु: गुरु: देव: महेश्वरः 

गुरु: साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः

अर्थ: पदपरिचय: च

गुरु: - उ-कारान्त: गुरु शब्द: पुं लि ; प्र वि ए व

ब्रह्मा - न-कारान्त:  ब्रह्मन्  शब्द: पुं लि; प्र वि ए व (चतुर्मुख- ब्रह्मा) (similar to राजा) Reference 

विर्ष्णु: - उ-कारान्त: विष्णु  शब्द: पुं लि; प्र वि ए व

देव:  - अ-कारान्त: देव शब्द: पुं लि; प्र वि ए व

महेश्वरः - अ-कारान्त: महेश्वर शब्द: पुं लि; प्र वि ए व

साक्षात् - अव्यय: ; (direct, real)

परं - अ-कारान्त: पर  शब्द: नपुं लि ; प्र वि ए व

ब्रह्म - न-कारान्त:  ब्रह्मन्  शब्द: नपुं लि; प्र वि ए व (परब्रह्म) Reference 

तस्मै -  द-कारान्त: तद्  शब्द: पुं लि ; च वि ए व

श्रीगुरुवे - श्री + उ-कारान्त: गुरु शब्द: पुं लि ; च वि ए व (to guru)

नम: - अ-कारान्त: नम शब्द: पुं लि; प्र वि ए व

अन्वय:

गुरु: ब्रह्मा गुरु: विष्णु: गुरु: देव: महेश्वरः गुरु: साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः

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